स्वतंत्रता के 75 साल बाद जाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा अब इंडिया गेट की कैनोपी को सुशोभित करेगी। आज प्रधानमंत्री मोदी ने होलोग्राम प्रतिमा का उद्घाटन कर एक नए अभियान का शुभारम्भ किया है। भारतीय इतिहास पढ़ने पर हम सब को ऐसा लगता है की जिन लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में जी जान लगा दिया और सब कुछ बलिदान कर दिया, उनको और उनके योगदान को आधुनिक भारत में कहीं भुला सा दिया गया है।

India freedom movement is full of young and brave heroes across the country who believed in a free, fearless and united India but it is unfortunate that they were never given their due and various generations of Indians who grew up after independence were never taught about their tales in history books and a very skewed and lopsided version of the freedom struggle revolving around the then Indian National Congress is taught in schools and universities.
भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया अभियान नेताजी तक सिमित नहीं रहना चाहिए। यह आवश्यक है की भारतीयों को सचिन्द्र नाथ सान्याल, बरिंद्र घोष, वीर सावरकर, बटुकेश्वर दत्त, उधम सिंह इत्यादि जैसे अनेक स्वतंत्रता के महानायकों के बारे में शिक्षित किया जाये। राष्ट्र निर्माण के लिए यह अति आवश्यक है की नागरिकों को अपना सही इतिहास तथा अपने पूर्वजों के बलिदानों के बारे में भली भाँती पता हो।